जब बाँधूँगा उनको राखी जब बाँधूँगा उनको राखी
यह कविता उन महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को समर्पित है जिन्होंने हमें वर्षों की गुलामी से मुक्त... यह कविता उन महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को समर्पित है जिन्होंने हमें वर्षो...
तुम्हारे लिए क्या कहे शब्द कम पड़ जाते हैं। तुम्हारे लिए क्या कहे शब्द कम पड़ जाते हैं।
अफसानों से परदा हटा दो प्यार को प्यार से मिला दो, धरती बन जायेगी खूबसूरत खुदा की हो अफसानों से परदा हटा दो प्यार को प्यार से मिला दो, धरती बन जायेगी खूबसूरत ...
अकेला हूँ एक मिलते ही, एक और एक ग्यारह हो जाओंगे अकेला हूँ एक मिलते ही, एक और एक ग्यारह हो जाओंगे
उससे जब रुपए खींचें तो जन्नत जैसे नजर आई। उससे जब रुपए खींचें तो जन्नत जैसे नजर आई।